/lotpot/media/media_files/2025/09/15/dosti-ka-sabak-2025-09-15-14-27-03.jpg)
दोस्ती की कहानी: चापलूस दोस्त- एक समय की बात है, हरे-भरे जंगल में एक विशाल, शक्तिशाली शेर रहता था, जिसका नाम था राजा बहादुर। उसकी प्रजा उससे बहुत प्यार करती थी। राजा बहादुर के चार खास दरबारी थे: एक धूर्त लोमड़ी, एक फुर्तीला भेड़िया, एक तेज चीता और एक ऊँची उड़ान भरने वाली चील। ये चारों खुद को राजा का सबसे वफादार सेवक मानते थे, लेकिन असल में वे सिर्फ चापलूसी करके अपना काम निकालते थे। जंगल के बाकी जानवर उन्हें "चापलूसी गैंग" कहकर बुलाते थे, क्योंकि उनका काम राजा की तारीफ करना और उनके टुकड़ों पर जीना था।
एक दिन, जब राजा बहादुर शिकार पर निकला, तो लोमड़ी, भेड़िया, चीता और चील एक पेड़ के नीचे जमा हुए। लोमड़ी ने अपनी चालाक मुस्कान के साथ कहा, "दोस्तों, राजा की सेवा में बहुत आराम है। न शिकार की चिंता, न खाने की!" चीता बोला, "हाँ, लेकिन राजा का शिकार हमें जितना मिलता है, वो पर्याप्त नहीं। हमें और ज्यादा चाहिए।" भेड़िया भी अपनी गर्दन खुजाते हुए बोला, "कोई ऐसा बड़ा शिकार मिल जाए जो कई दिनों तक चले तो मजा ही आ जाए।" तभी चील उड़कर आई और खुशी से चिल्लाने लगी, "मैंने एक बहुत ही बड़ा जानवर देखा है! एक ऊँट! वह जंगल की सीमा के पास अकेला बैठा है।"
यह सुनकर तीनों के मुँह में पानी आ गया। वे तुरंत राजा के पास पहुँचे। लोमड़ी ने मीठी आवाज़ में कहा, "महाराज, एक ऊँट जंगल की सीमा पर भटक रहा है। हमने सुना है कि ऐसे जानवरों का मांस सबसे स्वादिष्ट होता है, बिल्कुल आपकी शाही पसंद के लायक।" राजा बहादुर ने सोचा, 'ये तो अच्छी बात है, नया स्वाद मिलेगा।' वह उनके साथ शिकार पर चल दिए।
जब वे ऊँट के पास पहुँचे, तो उन्होंने देखा कि वह बहुत ही कमजोर और उदास था। उसके शरीर पर चोट के निशान थे। राजा ने उससे पूछा, "तुम्हारी यह हालत किसने की?" ऊँट ने दुखी होकर बताया, "मैं अपने मालिक के साथ सफर कर रहा था, लेकिन बीमार होने की वजह से उन्होंने मुझे यहाँ मरने के लिए छोड़ दिया। अब तो बस मौत का इंतज़ार है।" ऊँट की बात सुनकर राजा बहादुर का दिल पिघल गया। उन्होंने दया दिखाते हुए कहा, "तुम्हें डरने की ज़रूरत नहीं है। मैं तुम्हें अभयदान देता हूँ। आज से तुम हमारे दोस्त हो और यहीं हमारे साथ रहोगे।"
राजा का यह फैसला सुनकर चापलूस गैंग का चेहरा उतर गया। उनका पूरा प्लान चौपट हो गया था। भेड़िए ने फुसफुसाते हुए कहा, "दोस्ती? राजा ने तो हमारे खाने पर पानी फेर दिया।" लोमड़ी ने अपनी धूर्तता दिखाते हुए कहा, "चिंता मत करो। सब्र का फल मीठा होता है। हम राजा को समझाएंगे कि वह ऊँट हमारे किसी काम का नहीं है और इसे मार देना ही ठीक होगा।"
कुछ दिनों बाद, राजा बहादुर को एक हाथी से लड़ते हुए चोट लग गई। वह इतना कमजोर हो गया था कि शिकार के लिए हिल भी नहीं सकता था। चापलूस गैंग कई दिनों से भूखी थी। लोमड़ी ने भेड़िए से कहा, "यह सही मौका है। राजा अभी कमजोर है, हम उसे बहका सकते हैं।" वे सब राजा के पास गए। सबसे पहले लोमड़ी ने नाटक करते हुए कहा, "महाराज! आपकी इस हालत में मुझे बहुत दुख हो रहा है। मेरी आपसे विनती है, आप मुझे खाकर अपनी भूख मिटा लें।" चील ने तुरंत कहा, "नहीं महाराज! आप मेरे जैसे छोटे जानवर को क्यों खाएंगे? मेरा मांस तो आपकी भूख भी नहीं मिटा पाएगा। आप मुझे खा लें।" भेड़िया और चीता भी उसी तरह बोलने लगे। यह सब देखकर ऊँट आगे आया और मासूमियत से बोला, "महाराज! आपने मुझे जीवन दिया है, और आपके ही जीवन पर खतरा है। आप मुझे खाकर अपनी भूख मिटा लीजिए।"
चापलूस गैंग तो यही चाहती थी। चील ने तुरंत कहा, "सुना आपने, महाराज? ऊँट खुद ही कह रहा है। अब तो आपको कोई संकोच नहीं करना चाहिए।" राजा बहादुर को कुछ समझ नहीं आ रहा था। वह दर्द में था और भूखा भी। तभी चीते ने भेड़िये से कहा, "चलो, हम राजा को संकोच से बचाते हैं।"
भेड़िया और चीता तेजी से ऊँट पर टूट पड़े। ऊँट राजा की ओर मदद के लिए देख रहा था, लेकिन राजा कुछ भी करने में असमर्थ था। उन धोखेबाज दरबारियों ने मिलकर ऊँट को मार डाला। ऊँट ने अपनी जान देकर राजा की सेवा करने का फैसला किया था, लेकिन चापलूसों ने उसकी वफादारी का गलत फायदा उठाया।
कहानी का सार:
यह कहानी बताती है कि हर चमकने वाली चीज सोना नहीं होती। जो लोग मीठी बातें करते हैं, जरूरी नहीं कि वे आपके सच्चे दोस्त हों।
सीख:
सच्चे दोस्त वो होते हैं जो बुरे वक्त में साथ दें, न कि वो जो सिर्फ फायदा उठाने के लिए मीठी बातें करें। चापलूसी से दूर रहना ही बुद्धिमानी है।
जंगल कहानी : स्मार्ट कबूतर की चतुराई
Jungle Story : चुहिया की होशियारी
Tags: दोस्ती, धोखा, चापलूसी, हिंदी कहानी, नैतिक शिक्षा, प्रेरणादायक, best hindi story, moral story, bachon ki jungle kavita | best hindi jungle story | Best Jungle Stories | Best Jungle Story | Best Jungle Story for Kids | best jungle story in hindi | children’s jungle animal sea creature | children’s story with jungle animals | choti jungle kahani | choti jungle story | facts about jungle animals | facts about jungle animals in hindi | hindi jungle kahani | hindi jungle kavita | Hindi Jungle Stories | hindi jungle stories for kids | Hindi Jungle Story | hindi jungle stoy | hindi poem on jungle | inspirational jungle story | jungle animal | jungle animal article for kids | jungle animal facts | jungle animal facts in hindi | Jungle animals | jungle animals in hindi | jungle animal story in Hindi | Jungle